भारत सरकार ने नए Vehicle Scrap पालिसी लांच किया है | सरल भाषा में जाने पूरा डिटेल

फ्राइडे 13 अगस्त 2021 की भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नए vehicle scrap पालिसी को घोषणा की है | पर्यावरण के अनुकूल यह नया स्क्रैप पालिसी |

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प्रधान मंत्री जी का यह कहना है की यह नई vehicle scrap पालिसी पर्यावरण के अनुकूल तो है ही, साथ में ऑटो इंडस्ट्री को नई पहचान देगी और भारतीय इकॉनमी को मजबूत और टिकाऊ बनाएगी |

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यह अधुनुकरण ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को तो सुधार करेगी साथ ही इकॉनमी डेवलप करने में भी सहायक होगी | इस 21 वीं सदी में देश को एक साफ भीड़भाड़ मुक्त ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था की जरुरत है |

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क्या है नए Vehicle Scrap Policy

इस नए पालिसी का लक्ष यह है यह ऑटोमेटिक वाहन टेस्टिंग प्रक्रिया बनाके रेजिस्ट्रेशन पीरियड ख़तम होगए प्रदुषण करने वाले और उपयोग ना आने वाले वाहन को स्क्रैप किया जाए |

भारतीय कानून के हिसाब से पैसेंजर वाहन की 15 साल की रेजिस्ट्रेशन अवधि होती है और व्यवसाय वाहन की 10 साल की वैधता होती है |

यह नई पालिसी के अंतर्गत वाहन के 10 साल और 15 साल के वैधता वाहन को फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा |

मोटर व्हीकल कानून के मुताबिक 8 साल से पुराना व्यवसाय वाहन को हर साल फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है, और 8 साल से पहले तक हर दो साल में व्यवसाय वाहन को फिटनेस कराना होता है |

फिटनेस टेस्ट के आधार पर वाहन को जांचा जाता है

फिटनेस टेस्ट के जरिए वाहन के गुणवत्ता और क्या यह अभी भी सड़क पर चलने के लिए काबिल है और यह पर्यावरण पर कितना असर करेगी पता किया जाता है |

बहुत सारे परिक्षण के बाद जैसे ब्रेक टेस्ट इंजन टेस्ट आदि, तय किया जाता है की यह वाहन फिट है या अनफिट है |

अगर वाहन फिटनेस टेस्ट क्लियर होता जाता है तो उस वाहन को 5 साल के लिए परमिट मिल जाती है और 5 साल के बाद वाहन को दुबारा फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है |

नार्मल पैसेंजर नए वाहन में 15 साल के लिए रेजिस्ट्रेशन होता है उसके बाद दुबारा फिटनेस टेस्ट करके 5 साल तक की परमिट दी जाती है |

कौनसे Vehicle को Scrap किया जाएगा

नए पालिसी के अंतर्गत केबल वाहन के उम्र के आधार पर स्क्रैप नहीं किया जाएगा, उनका वैज्ञानिक रूप से अधिकृत, स्वचालित परीक्षण केंद्रों के माध्यम से परीक्षण किया जाएगा।

अनुपयुक्त वाहनों को वैज्ञानिक रूप से स्क्रैप कर दिया जाएगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि पूरे देश में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं ऑटोमेटिक और पारदर्शी हों |

अनफिट वाहन में वोह सभी वाहन आजाते है जो की फिटनेस टेस्ट क्लियर नहीं कर पाया है | और कुछ डैमेज वाहन (आग लगा हुआ, प्रकितिक आपदा के कारण नष्ट हुआ, दंगा से क्षति ग्रस्त हुआ, या फिर मरम्मत करने योग्य न हो) जिनका अब उपयोग किया नहीं जा सकता यह सब |

जो वाहन फिटनेस टेस्ट में पास नहीं होता रूल के मुताबिक वोह वाहन सड़क पर चलने लायक नहीं है उनका रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं किया जाता |

हलाकि एक बार फिटनेस टेस्ट फ़ैल होने के बाद परिक्षण अधिकारी के अनुमति से वाहन को मरम्मत करके दुबारा फिटनेस टेस्ट कराया जाता है, उसके बाद भी वाहन फिटनेस टेस्ट क्लियर नहीं होता तो उस वाहन की लाइफ ख़तम करने की घोषणा कर दी जाती है |

इस योजना के अंतर्गत वाहन मालिक के पास खुद से अपने वाहन को स्क्रैप करने का विकल्प होगा | इसके लिए उनको खुद से वाहन को रजिस्टर वाहन स्क्रैपिंग यार्ड में लेके जान होगा |

पुराना वाहन स्क्रैप करने पर मिलेगा इंसेंटिव

केंद्र सरकार के तरफ से पुराना और अनफिट वाहन को खुद से स्क्रैप करने पर कुछ इंसेंटिव की घोषणा भी की है |
पहला : स्क्रैप किया हुआ वाहन के मालिक को कुछ स्क्रैप मूल्य मिलेगा जो की नए वाहन की एक्स शोरूम कीमत के 4 से 6 प्रतिशत के बराबर होगा |

दूसरा: वाहन मालिक अगर स्क्रैप डिपॉजिट की प्रमाण पत्र दिखाते है तो नए वाहन की रेजिस्ट्रेशन का कोई शुल्क नहीं लगेगा |

तीसरा : राज्य सरकार मोटर यान टैक्स में पैसेंजर वाहन के लिए 25 प्रतिशत की और कमर्शियल वाहन में 15 प्रतिशत की छूट दे सके है |

चौथा: वाहन स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखने पर वाहन निर्माता नए वाहन के खरीद पर 5 प्रतिशत की छूट भी दे सकते है |

पुराने के तुलना में नए वाहन पर मेंटेनेंस की लागत कम आती है और ईंधन पे भी बचत होती है |

पुराना वाहन पर कोई इंसेंटिव नहीं मिलेगा

15 साल से अधिक पुराना वाहन को रखना ज्यादा खर्चीला होगा, वाहन को दुबारा रेजिस्ट्रेशन की लागत ज्यादा होगा, पैसेंजर वाहन के लिए करीब 8 प्रतिशत ज्यादा और कमर्सिअल वाहन के लिए करीब 62 प्रतिशत ज्यादा चार्ज लगेगा |

इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ज्यादा ग्रीन टैक्स और ज्यादा रोड टैक्स चार्ज करेगी |

कब से यह पालिसी लागु होगा

20 साल से ज्यादा पुराना प्राइवेट वाहन 1 जून 2024 के बाद रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा | और वोह फिटनेस टेस्ट में पास ना होने पर दुबारा रेजिस्ट्रेशन ही किया नहीं जाएगा | इसी प्रकार 15 साल ज्यादा पुराना कमर्शियल भारी वाहन को 1 अप्रैल 2023 के बाद रेजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा|

स्वचालित टेटिंग स्टेशन और रजिस्टर स्क्रैपिंग सुबिधा

केंद्र ने वाहन के मैन्युअल परिक्षण को कम करने के लिए ऑटोमेटिक वाहन टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना को अनिवार्य कर दिया है |

पहले चरण में 75 स्टेशन सेटअप किया जाएगा उसके बाद पुरे देश में 450 से 500 स्टेशन की स्थापना की जाएगी |

सरकार ने निजी संस्थानों को भी राज्य सरकार के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने के लिए प्रेरित किया है |

इसी तरह से रजिस्टर वाहन स्क्रैपिंग सुबिधा को पुरे देश में सेटअप किया जाएगा, सुरक्षित स्क्रैपिंग प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा | अगले 4 से 5 साल के अंदर 50 से 70 ऐसे स्क्रैपिंग फैसिलिटी सेण्टर स्थापित किये जाएंगे |

सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए फ़ायदा होगा

यूनियन मिनिस्टर नितिन गडकरी जी ने कहा, वाहन स्क्रैप के कारण सस्ते रॉ मटेरियल मिलेगा तो वाहन के दाम भी कम होंगे और वाहन की बिक्री बढ़ेगी | केंद्र सरकार की GTS कलेक्शन भी बढ़ेगा |

उन्होंने यह भी कहा की यह सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए फ़ायदा देगा | यह उत्पादन को बढ़ावा देगा, नए एम्प्लॉयमेंट क्रिएट करेगा और बचत भी करेगा | नए वाहन की कीमत में गिरावट आएगी | स्क्रैप के जरिए कॉपर, एल्युमीनियम, स्टील प्लास्टिक रबर इंडस्ट्री को सप्लाई होगा | अगर recycle को लगातार किया जाए तो तक़रीबन 99 प्रतिशत मटेरियल को रिकवर किया जा सकता है | एक एस्टीमेट के अनुसार 40 प्रतिशत रॉ मटेरियल की कीमत को कम किया जा सकता है जो की वाहन की कीमत को कम करेगा और बिक्री भी बढ़ेगा |