जानें स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल्स ऐप्स को कैसे करें डिलीट और ऑफ

जब भी मार्केट में कोई नया स्मार्टफोन लॉन्च होता है तो उसे कई खासियतों के साथ पेश किया जाता है। किसी की बैटरी बेहतर होती है तो किसी का डिस्प्ले। हर कंपनी यूजर की जरुरत के हिसाब से ही फोन को बनाती है और उसकी कीमत तय करती है। इन खासयितों में से एक होता है लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम (OS). लेटेस्ट OS वर्जन हमेशा ही कुछ नया लेकर आता है। लेकिन अगर फोन स्टॉक एंड्रॉइड पर आधारित नहीं है तो फोन में कई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स भी मौजूद होती हैं जिन्हें आप अनइंस्टॉल भी नहीं कर सकते हैं।

इस तरह की ऐप्स आपके फोन की स्टोरेज को घेरती हैं साथ ही प्रोसेसर का भी लगातार इस्तेमाल करती हैं। आपको बता दें कि इस तरह की ऐप्स को ब्लॉटवेयर भी कहते हैं। वहीं, इनमें से कई ऐसी ऐप्स भी होती हैं जो यूजर के कभी भी कोई काम नहीं आती हैं। ये ऐप्स आपके फोन में वाई-फाई, मोबाइल डाटा और प्रोसेसर आदि का इस्तेमाल करती हैं। वैसे तो उन्हें हटाने का कोई तरीका नहीं है लेकिन इन्हें डिसेबल जरूर किया जा सकता है। इसके दो तरीके हैं।

पहला तरीका:

प्री-इंस्टॉल्स ऐप्स को डिलीट तो नहीं किया जा सकता है लेकिन इन्हें ऑफ जरूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको फोन सेटिंग्स में जाकर General टैब पर टैप करना होगा। इसके बाद Apps and Notifications को सेलेक्ट करना होगा। यहां आपको दो विकल्प मिलेंगे। इनमें से एक Uninstall तो दूसरा Force Stop होगा। वहीं, कुछ ऐप्स के लिए Uninstall विकल्प फेड हो सकता है। इसका मतलब है कि इस ऐप को Uninstall नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति में आप ऐप को Force Stop कर सकते हैं। इसके बाद ऐप स्विच ऑफ हो जाएगा और फोन में दिखाई नहीं देगी।

दूसरा तरीका:

अगर सेटिंग्स से ऐप को डिसेबल नहीं कर पा रहे हैं तो आप गूगल प्ले स्टोर पर जा सकते हैं। प्ले स्टोर पर जाकर आपको टॉप लेफ्ट कॉर्नर में मेन्यू पर टैप करना होगा। इसके बाद My Apps and Games पर टैप करना होगा। यहां आपके फोन में मौजूद सभी ऐप्स मौजूद होंगी। जिसे भी आप हटाना चाहते हैं उसके लिए Uninstall या Disable सेलेक्ट कर सकते हैं।

ऊपर हमने स्टॉक एंड्रॉइड का जिक्र किया है तो चलिए जानते हैं कि क्या होता है स्टॉक एंड्रॉइड: इसे सबसे पहले गूगल ने अपनी डिवाइस में पेश किया था। इसके बाद कई कंपनियों ने इसे अपने स्मार्टफोन्स में पेश किया। स्टॉक एंड्राइड का मतलब प्योर एंड्राइड से है। यह एंड्रॉइड पाई, ऑरियो और नॉगट जैसे किसी भी वर्जन का हो सकता है। एंड्राइड दो तरह के होते हैं। पहला स्टॉक एंड्राइड और दूसरा स्किन एंड्राइड।

स्कीन एंड्रॉइड वो होता है जिस पर स्मार्टफोन निर्माता कंपनी अपनी स्कीन देती है। यह प्योर एंड्रॉइड नहीं होता है। इसे कस्टमाइज किया जाता है। कुछ कंपनियां कस्टमाइजेशन इसलिए भी करती हैं जिससे वह यूजर को अलग से कुछ बेहतर अनुभव और फीचर्स दे पाएं। वहीं, कुछ कंपनियां स्टॉक एंड्राइड पर आधारित स्मार्टफोन पेश कर यूजर को प्योर एंड्राइड का अनुभव उपलब्ध करा रही हैं। इसमें किसी भी तरह का कस्टमाइजेशन नहीं किया जा सकता है। इसमें यूजर को प्योर एक्सपीरियंस मिलता है।